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इन प्रश्नों के उत्तर सभी को 5 मार्च तक भेजने हैं। 🙏🙏
1. कर्म योग क्या है?
2. श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध के लिए प्रेरित क्यों किया?
3. श्रीकृष्ण ने आत्मा को नित्य और अविनाशी होने का कौन सा उदाहरण देकर स्पष्ट किया?
Ans 1. हेमांगी दीदी लिखते है....
1. कर्म योग क्या है?
बिना किसी स्वार्थ, निहस्वार्थ भाव से कर्म करना ही कर्म योग है
कर्मयोग आत्मज्ञान को जागृत कर्ता है
मनुष्य कर्मयोग करने से मानसिक शारीरिक,आध्यात्मिक और आध्यात्मिक के स्टर पर स्वस्थ रहता है
2. श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध के लिए प्रेरित क्यों किया?
अहिंसा का अर्थ है कायर्ता और स्वयं से पलायन नहीं है
गीता में भगवान कृष्णा बुराई के खिलाफ हिंसा का उपदेश देते है , क्योकि भगवान कृष्ण के लिए बुराई पर शांति और अच्छाई की जित, सुनीश्चित कर्ने के लिए अर्जुन को युद्ध करना ही जरूरी है
3. श्रीकृष्ण ने आत्मा को नित्य और अविनाशी होने का कौन सा उदाहरण देकर स्पष्ट किया?
वासांसि जीर्णानि यथा विहाय
नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि |
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा
नन्यानि संयाति नवानि देहि || 22||
जिस प्रकार मनुष्य पुराने वस्त्र त्यागकर नये वस्त्र धारण करता है, उसी प्रकार मृत्यु के समय आत्मा अपने पुराने शरीर को त्यागकर नये शरीर में प्रवेश करती है।
आत्मा की प्रकृति की व्याख्या करते हुए, श्रीकृष्ण पुनर्जन्म की अवधारणा को दोहराते हैं, तथा इसकी तुलना एक दैनिक क्रियाकलाप से करते हैं। जब वस्त्र फट जाते हैं और बेकार हो जाते हैं, तो हम उन्हें त्यागकर नए वस्त्र धारण कर लेते हैं, लेकिन ऐसा करने से हम स्वयं में परिवर्तन नहीं करते। इसी प्रकार, आत्मा भी अपरिवर्तित रहती है, जब वह अपना घिसा-पिटा शरीर त्याग देती है और किसी अन्य स्थान पर नए शरीर में जन्म लेती है।
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