Shree Narayan Stotra: श्री नारायण स्तोत्र

नारायण नारायण जय गोविंद हरे ॥
नारायण नारायण जय गोपाल हरे ॥ 
 
करुणापारावारा वरुणालयगम्भीरा ॥ 
घननीरदसंकाशा कृतकलिकल्मषनाशा ॥ 
 
यमुनातीरविहारा धृतकौस्तुभमणिहारा ॥
पीताम्बरपरिधाना सुरकल्याणनिधाना ॥ 
 
मंजुलगुंजाभूषा मायामानुषवेषा ॥ 
बर्हिनिवर्हापीडा नटनाटकफणिक्रीडा ॥ 
 
वारिजभूषाभरणा राजिवरुक्मिणिरमणा ॥ 
जलरुहदलनिभनेत्रा जगदारम्भकसूत्रा ॥ 
 
पातकरजनीसंहर करुणालय मामुद्धर ॥ 
अधबकक्षयकंसारे केशव कृष्ण मुरारे ॥ 
 
हाटकनिभपीताम्बर अभयं कुरु मे मावर ॥ 
दशरथराजकुमारा दानवमदस्रंहारा ॥
 
गोवर्धनगिरिरमणा गोपीमानसहरणा ॥शरयूतीरविहारासज्जनऋषिमन्दारा ॥ 
 
विश्वामित्रमखत्रा विविधपरासुचरित्रा ॥ 
ध्वजवज्रांकुशपादा धरणीसुतस्रहमोदा ॥ 
 
जनकसुताप्रतिपाला जय जय संसृतिलीला ॥ 
दशरथवाग्घृतिभारा दण्डकवनसंचारा ॥ 
 
मुष्टिकचाणूरसंहारा मुनिमानसविहारा ॥ 
वालिविनिग्रहशौर्या वरसुग्रीवहितार्या ॥ 
 
मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर ॥ 
जलनिधिबन्धनधीरा रावणकण्ठविदारा ॥ 
 
ताटीमददलनाढ्या नटगुणविविधधनाढ्या ॥ 
गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन ॥ 
 
स्रम्भ्रमसीताहारा साकेतपुरविहारा ॥ 
अचलोद्घृतिञ्चत्कर भक्तानुग्रहतत्पर ॥ 
 
नैगमगानविनोदा रक्षःसुतप्रह्लादा ॥ 
भारतियतिवरशंकर नामामृतमखिलान्तर ॥ 
 
। इति श्रीमच्छंकराचार्यविरचितं नारायणस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ।


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