Parabhramha Rupini Mate Mahalaxmi Aarati- परब्रह्म रूपिणी माते महालक्ष्मी आरती लिरिक्स


परब्रह्म रूपिणी माते
महालक्ष्मी जय जय जय ||ध्रु||

सुखकारिणी भव दुु: ख निवारिणी
पाप नाशिनी जय जय जय 
परब्रह्म रूपिणी माते 
महालक्ष्मी जय जय जय ||१||

ब्रह्मादिक तुज ध्याती
 गुण संकिर्तन करिती
 सुरवर अवघे संकट काळी 
तुझ्याच नामे तरती 
भक्तजना वर निज छाया धरी 
हे भुवनेश्वरी जय जय जय ||२||

परब्रह्म रूपिणी माते 
महालक्ष्मी जय जय जय 

रत्नमण्यांची कांती राजस 
वदना वरती गरुडारूढ 
जगन्मातेची भव्य शोभते 
मूर्ति बैस येऊनी ह्रदय आसनी 
हे जग जननी जय जय जय ||३||

परब्रह्म रूपिणी माते 
महालक्ष्मी जय जय जय 

प्रणव रूपिणी जय जय जय 
त्रिपुरसुंदरी जय जय जय 
मूलाधारनिवासिनी जय 
महालक्ष्मी जय जय जय 
महालक्ष्मी जय जय जय 
महालक्ष्मी जय जय जय ||४||

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