आरती श्री गुरुदत्ताची
जगावर असे असतात त्यांची|
स्मरावे चित्ती दत्तगुरुला |
भक्तांच्या काजासाठी ||
जय देव जय देव दत्तप्रभू|
जय देव जय देव दत्तप्रभू|
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
अनाथांच्या नाथा ओ दत्तप्रभू।।
तिन्ही लोकी दत्तगुरुचे।
गुणगान हे गाती।
भक्तीभावे जो स्मरे तयाला।
रक्षण करी सद्गती।।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
अनाथांच्या नाथा ओ दत्तप्रभू।।
अवधूत रूपे नाथ दत्त।
सदैव उध्दारक।
दीन दयाळ कृपालु देवा।
मुक्ती दायी सुकाळक।।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
अनाथांच्या नाथा ओ दत्तप्रभू।।
ही आरती जो नित्य म्हणे।
प्रेमभावे वदवी।
संपत्ति यश आरोग्य लाभे।
दास म्हणे गुरुदत्ता।।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
अनाथांच्या नाथा ओ दत्तप्रभू।।
जगावर असे सत्ता त्यांची।
स्मरावे चित्ती दत्तगुरूला।
भक्तांच्या काजासाठी।।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
अनाथांच्या नाथा ओ दत्तप्रभू।।
तिन्ही लोकी दत्तगुरुचे।
गुणगान हे गाती।
भक्तीभावे जो स्मरे तयाला।
रक्षण करी सद्गती।।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
अनाथांच्या नाथा ओ दत्तप्रभू।।
अवधूत रूपे नाथ दत्त।
सदैव उध्दारक।
दीन दयाळ कृपालु देवा।
मुक्ती दायी सुकाळक।।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
अनाथांच्या नाथा ओ दत्तप्रभू।।
ही आरती जो नित्य म्हणे।
प्रेमभावे वदवी।
संपत्ति यश आरोग्य लाभे।
दास म्हणे गुरुदत्ता।।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
जय देव जय देव दत्तप्रभू।
अनाथांच्या नाथा ओ दत्तप्रभू।।
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